


भारत के हर घर में लगभग गेंहू के आटे की ही रोटी बनती हैं और सालों से लोग इसी अनाज की रोटी खाते आ रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर के लिए उतनी लाभकारी नहीं जितना अभी तक लोग इसे समझ रहे हैं। गेहूं भले ही पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है लेकिन इसे खाने से ब्लड शुगर का लेवल भी तेजी से बढ़ता है। इसके आटे की रोटी जल्दी नहीं पचती इसलिए कई लोगों का डाइजेशन इससे बिगड़ जाता है। वहीं जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनकों भी गेंहू का आटा नहीं खाना चाहिए क्योंकि इस आटे में बहुत कैलोरी होती है।
क्यों नहीं खानी चाहिए गेहूं की रोटी?
एक्सपर्ट के मुताबिक, डाइट में सबसे जरूरी होता है अनाज जैसे जो, बाजरा, रागी और गेहूं आदि लेकिन इसमें सबसे हानिकारक अनाज गेहूं माना जाता है। अगर सिर्फ 21 दिनों तक गेहूं न खाएं तो पूरे शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते है।
इसमें लोगों को इंफ्लेमेशन यानि शरीर में सूजन की समस्या होती है। यहां तक की कुछ लोग इस बात से भी अनजान रहते हैं कि उन्हें वीट एलर्जी है जिस वजह से उन्हें आगे चलकर समस्या होती है। गेहूं ग्लूटेन से भरपूर होता है। ऐसे लोगों को पेट में, चेहरे पर और फिर हाथों-पैरों में सूजन होती है। उन्हें गैस की समस्या हो सकती है और पूरे दिन बॉडी में थकान हो सकती है।
गेहूं की जगह पर क्या खाया जाए?
गेहूं की जगह मोटे अनाज की रोटियां खा सकते हैं जैसे, बेसन, रागी या बाजरा खा सकते हैं। इन्हें खाने से आप काफी बेहतर हैल्थ महसूस करेंगे। मोटा अनाज शरीर को कई प्रकार के अलग-अलग न्यूट्रिएंट्स देता है, वहीं गर्मियों में ज्वार के आटे की रोटी खानी चाहिए और सर्दी में हमें बाजरे की आटे की रोटी खानी चाहिए। अगर आप 21 दिन तक गेहूं की रोटी खाना बंद कर देते हैं तो शरीर में कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।